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केदारनाथ धाम में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध की तैयारी, आशा नौटियाल के बयान से सियासत गरमाई

बरेली। केदारनाथ धाम में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की खबर से विवाद खड़ा हो गया है। क्षेत्र की विधायक आशा नौटियाल ने आरोप लगाया है कि कुछ गैर-हिंदू तत्वों द्वारा केदारनाथ धाम की धार्मिक गरिमा को भंग करने के उद्देश्य से मांस, मछली और शराब परोसे जाने की घटनाएं सामने आई हैं। इसके चलते उन्होंने ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।

विधायक आशा नौटियाल ने बताया कि हमारे प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने प्रशासन, स्थानीय लोगों, व्यापारियों, होटल मालिकों और टेंट व दुकान मालिकों के साथ एक बैठक की। उस बैठक में स्थानीय व्यापारियों ने खुले तौर पर कहा कि कुछ गैर-हिंदू व्यक्ति क्षेत्र में मांस, शराब और अन्य आपत्तिजनक चीजें लाने जैसी गतिविधियों में लिप्त हैं, जिससे केदारनाथ मंदिर की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है। उन्होंने कहा कि इस पवित्र स्थल की धार्मिक गरिमा बनाए रखने के लिए ऐसे लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत है।

आशा नौटियाल के इस बयान के बाद से राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने इसे नफरत फैलाने वाला बयान करार दिया है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ की विधायक द्वारा मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने संबंधी बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। पहले भी इसी तरह की टिप्पणियां की गई हैं, जिसमें महाकुंभ मेले के दौरान अखाड़ा परिषद द्वारा मुसलमानों को दुकानें लगाने से रोकने वाला बयान भी शामिल है।

मौलाना रजवी ने आगे कहा कि मथुरा में होली के दौरान भी कहा गया था कि मुसलमानों को नहीं आने दिया जाएगा। हल्दवानी के मेयर ने भी मुसलमानों के रेहड़ी-पटरी लगाने पर रोक लगाने की बात कही थी। उन्होंने भाजपा की बलिया से विधायक के बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने मुसलमानों के लिए अस्पताल में अलग से मेडिकल विंग बनाने की बात कही थी। उन्होंने इन घटनाओं को मुसलमानों के प्रति नफरत फैलाने की साजिश करार दिया।

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि हम सभी को भाईचारे और सौहार्द के साथ मिलजुलकर रहना चाहिए। केदारनाथ की विधायक को विकास की बात करनी चाहिए, न कि ऐसे बयानों से समाज में विभाजन पैदा करना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार और प्रशासन इस मुद्दे पर ध्यान देंगे और धार्मिक सौहार्द बनाए रखने के प्रयास करेंगे।

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