लखीमपुर खीरी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कुंभी चीनी मिल परिसर में बलरामपुर चीनी मिल लिमिटेड द्वारा 2,850 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले देश के पहले बायोपॉलिमर संयंत्र का शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार ने देश के पहले बायोप्लास्टिक प्लांट का जो एमओयू किया था, उसे आज जमीन पर उतारा गया है। यह अपनी तरह का देश का पहला निवेश है, जहां पूरी तरह से डिस्पोजेबल बोतल, प्लेट, कप और कैरी बैग्स का निर्माण होगा, जो मात्र तीन महीने में मिट्टी में मिल जाएंगे।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूरी दुनिया उत्तर प्रदेश के महाकुंभ में भागीदार बनने को उत्साहित है। उन्होंने बताया कि 13 जनवरी से 22 फरवरी तक 60 करोड़ श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। “मैं यहां से गोला गोकर्णनाथ और फिर प्रयागराज जाऊंगा, लेकिन कुंभी में ही मुझे निवेश का महाकुंभ दिख गया,” मुख्यमंत्री ने कहा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक प्रदेश में 45 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव आया है, जिसमें से 15 लाख करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है और 3 से 5 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं। इस निवेश से अब तक 7 से 8 लाख युवाओं को नौकरी भी मिल चुकी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह संयंत्र पाली लैक्टिक एसिड (PLA) आधारित बायोप्लास्टिक का उत्पादन करेगा, जिससे पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद जैसे डिस्पोजेबल बोतलें, खाद्य ट्रे, कटलरी, आइसक्रीम कप और कैरी बैग बनाए जाएंगे। इस प्लास्टिक की विशेषता यह होगी कि यह 3 से 6 महीनों में स्वयं ही नष्ट हो जाएगा, जिससे प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
संयंत्र शून्य-तरल अपशिष्ट के सिद्धांत पर भी काम करेगा, जिससे कोई भी हानिकारक अपशिष्ट नदियों या नालों में नहीं बहेगा।
मुख्यमंत्री ने बलरामपुर चीनी मिल लिमिटेड को संयंत्र को आईटीआई, पॉलिटेक्निक और स्थानीय महाविद्यालयों से जोड़ने के लिए कहा, जिससे यहां के युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सके।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह संयंत्र पर्यावरण संरक्षण, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने में एक मील का पत्थर साबित होगा।
इस अवसर पर मंत्री नितिन अग्रवाल, राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव चीनी उद्योग वीणा कुमार मीना समेत कई अन्य अधिकारी और गणमान्य लोग उपस्थित थे।