यरूशलम। इजरायल ने एक बार फिर लेबनान-सीरिया सीमा क्रॉसिंग पर हवाई हमला किया है। इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने शनिवार को एक बयान में कहा कि उसने सीरिया और लेबनान के बीच सीमा क्रॉसिंग पर हमले किए हैं। इजरायल का दावा है कि हिजबुल्लाह इस क्रॉसिंग का इस्तेमाल लेबनान में हथियारों की तस्करी के लिए कर रहा है।
ब्रिटेन स्थित युद्ध निगरानी संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि इजरायली हमलों ने लेबनान की सीमा के पास सीरिया के कलामौन क्षेत्र में उन इलाकों को निशाना बनाया, जो हिजबुल्लाह द्वारा हथियारों के हस्तांतरण के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब इजरायल और लेबनान के बीच 27 नवंबर 2024 को हुए युद्धविराम समझौते का पालन किया जा रहा है। इजरायल ने इस हमले को अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया कदम बताया है।
इजरायली सेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि हमारी वायुसेना ने उन ठिकानों पर हमला किया है जिनका इस्तेमाल हिजबुल्लाह द्वारा हथियारों की तस्करी के लिए किया जा रहा था। यह हमला इजरायल की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए आवश्यक था।”
इजरायल ने हिजबुल्लाह को एक “आतंकवादी संगठन” करार दिया और कहा कि वह युद्धविराम समझौते का उल्लंघन कर रहा है।
अब तक, सीरिया और लेबनान सरकार की ओर से इस हमले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हिजबुल्लाह ने भी इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इजरायल ने इससे पहले भी हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले किए हैं।
फरवरी 2025 में, इजरायली सेना ने पूर्वी और दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। इस दौरान पूर्वी लेबनान के बेका क्षेत्र में एक भूमिगत सुरंग को निशाना बनाया गया था, जिसे हिजबुल्लाह द्वारा हथियारों की तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। इजरायली वायुसेना ने दक्षिणी लेबनान में उन स्थानों पर भी हमला किया था, जहां “खतरनाक हथियार और रॉकेट लांचर” रखे गए थे।
27 नवंबर 2024 को हुए युद्धविराम समझौते के तहत इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच 60 दिनों की शांति पर सहमति बनी थी, जिसे बाद में 18 फरवरी 2025 तक बढ़ाया गया था। हालांकि, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर कई बार इस समझौते के उल्लंघन के आरोप लगाए हैं। इस हमले के बाद आशंका है कि इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव और बढ़ सकता है।