लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को महाकुंभ को लेकर भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने महाकुंभ को धार्मिक आयोजन के बजाय राजनीतिक इवेंट बना दिया और इसके सुचारू संचालन में पूरी तरह विफल रही।
अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ संतों, धर्माचार्यों और आम जनता की आस्था का आयोजन है, लेकिन भाजपा सरकार इसे अपने प्रचार का साधन बना रही है। उन्होंने सरकार की विफलताओं को गिनाते हुए कहा कि भीड़ प्रबंधन पूरी तरह फेल रहा। श्रद्धालुओं के यातायात की कोई सुव्यवस्था नहीं थी। स्नान के लिए गंगा का पानी तक साफ नहीं था।
उन्होंने आगे कहा कि संगम में गंगा जल की शुद्धता को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) की रिपोर्टें सरकार की नाकामी का दस्तावेज हैं। गंगा सफाई के नाम पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन गंगा साफ नहीं हुई, सिर्फ बजट साफ हो गया।
सपा अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि कुंभ के आयोजन के लिए स्थायी और बुनियादी ढांचे का विकास जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो समाजवादी पार्टी इस पर सलाह देने के लिए तैयार है।
अखिलेश यादव ने केंद्र और राज्य सरकार को दो लाख करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड बनाने का प्रस्ताव दिया: राज्य सरकार – 1 लाख करोड़ रुपये दे। केंद्र सरकार – 1 लाख करोड़ रुपये दे।
इसमें से एक लाख करोड़ रुपये स्थायी बुनियादी ढांचा तैयार करने पर खर्च किए जाएं। दूसरा एक लाख करोड़ रुपये गरीब श्रद्धालुओं के लिए यातायात, सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्था पर खर्च किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर यह फंड बनाया जाता है, तो महाकुंभ में फिर कभी ऐसी घटनाएं नहीं होंगी जैसी इस बार हुईं।
अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को ‘डबल इंजन की सरकार नहीं, बल्कि डबल ब्लंडर की सरकार’ करार दिया। उन्होंने कहा कि अब संगम में गंगा जल की शुद्धता को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें ही आपस में भिड़ रही हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCB) अलग-अलग दावे कर रहे हैं। सरकारी एजेंसियों की इस लड़ाई को देखकर आम जनता ठगा महसूस कर रही है।
सपा अध्यक्ष ने महाकुंभ में भगदड़ को भाजपा सरकार की विफलता बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने भगदड़ की जानकारी छिपाई। मृतकों और घायलों का सही आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया। श्रद्धालु अपने परिजनों की जानकारी के लिए भटकते रहे। यात्रा के दौरान दुर्घटनाओं में कई श्रद्धालुओं की मौत हुई, लेकिन सरकार ने कोई मदद नहीं की। कहा कि पूरी सरकार महाकुंभ में भगदड़, मृतकों की संख्या और घायलों के इलाज को लेकर झूठ बोलती रही।
अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सिर्फ कपड़े पहनने से कोई योगी नहीं बनता, व्यक्ति अपने व्यवहार, भाषा और आचरण से योगी बनता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ में अब भी करोड़ों श्रद्धालु स्नान करने से वंचित हैं। इसलिए सरकार को महाकुंभ की तारीख बढ़ाने पर विचार करना चाहिए।
अखिलेश ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि महाकुंभ ऐतिहासिक और पौराणिक आयोजन है, जिसका भव्य आयोजन कन्नौज के सम्राट हर्षवर्धन भी किया करते थे। हर्षवर्धन पूरे कुंभ के दौरान प्रयागराज में रहते थे, संतों और धर्माचार्यों की सेवा करते थे, और अपना सब कुछ दान कर देते थे। लेकिन भाजपा सरकार ने न तो कोई ठोस विकास किया, न कोई योजना बनाई। इस बार श्रद्धालुओं की जैसी दुर्दशा हुई, वैसी पहले कभी नहीं हुई थी।