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मुजफ्फरनगर में दो महिला ठग गिरफ्तार, साइबर ठगी के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए दो महिला ठगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार महिलाओं के पास से 43 हजार रुपये की नकदी, दो पासबुक और कई क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए हैं। पुलिस की जांच में पता चला कि ये महिलाएं साइबर ठगों के लिए बैंकिंग लेनदेन का काम संभालती थीं और ठगी के पैसे को इधर-उधर भेजने में मदद करती थीं।

कैसे हुआ ठगी का खुलासा?

एसपी देहात आदित्य बंसल ने बताया कि यह मामला शाहपुर थाना क्षेत्र का है, जहां 25 फरवरी को एक महिला ने साइबर ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीड़िता ने बताया कि उसकी बेटी को इंस्टाग्राम पर एक व्यक्ति ने शादी का झांसा देकर विदेश से गहने और उपहार भेजने का वादा किया। इसके बाद उस व्यक्ति ने कस्टम ड्यूटी के नाम पर एक खाते में पैसे जमा करवाने की बात कही।

इसके बाद आरोपी ने झूठा नाटक किया कि वह भारत आ चुका है, लेकिन जब वह गिफ्ट लेकर आ रहा था तो रास्ते में सीबीआई ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसने अपनी रिहाई के लिए एक बार फिर पीड़िता से पैसे जमा करवाने को कहा। इस तरह से महिला से कुल 4.5 लाख रुपये की ठगी की गई।

पुलिस की जांच में पता चला कि जिन बैंक खातों में ठगी की रकम जमा कराई गई थी, वे शाहीन और बस्सो नाम की दो महिलाओं के थे, जो मेरठ जिले की रहने वाली हैं। दोनों महिलाएं 10 प्रतिशत कमीशन पर अपने बैंक खातों में ठगी का पैसा मंगवाती थीं और फिर एटीएम के जरिए निकालकर मुख्य ठगों के खातों में भेज देती थीं। जांच में पता चला कि इन दोनों महिलाओं के नाम पर कुल 17 बैंक अकाउंट थे, जिनमें साइबर धोखाधड़ी के पैसे ट्रांसफर किए जाते थे।

पुलिस ने आगे जांच में पाया कि इस गिरोह के कुल 33 बैंक खातों का इस्तेमाल ठगी के लिए किया जा रहा था। इन खातों में पिछले चार महीनों में करीब 6 करोड़ 44 लाख रुपये के लेनदेन किए गए हैं। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन खातों में मौजूद 12 लाख 78 हजार रुपये को फ्रीज कर दिया है। इस राशि में से पीड़िता को उसके ठगे गए पैसे लौटाए जाएंगे।

पुलिस ने मुख्य ठगी करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनके ठिकानों का पता लगाने के लिए जांच जारी है। अधिकारियों का मानना है कि इस गिरोह के तार अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि और किन-किन लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया है।

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