रविवार से शुरू होगा रमजान, मरकजी चांद कमेटी ने किया ऐलान

लखनऊ। रमजान के पवित्र महीने का मुस्लिम समुदाय को बेसब्री से इंतजार है, लेकिन शुक्रवार को रमजान का चांद नजर नहीं आया। लखनऊ स्थित मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के सदर एवं शाही इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने घोषणा की कि पहला रोजा 2 मार्च 2025 (रविवार) को रखा जाएगा।

चांद न दिखने पर हुआ ऐलान

शुक्रवार को मरकजी चांद कमेटी की बैठक ऐशबाग में आयोजित की गई, जहां मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली और अन्य उलेमा चांद के दीदार का इंतजार कर रहे थे। लेकिन चांद नजर नहीं आया। उन्होंने बताया, “आज 29 शाबान 1446 हिजरी, मुताबिक 28 फरवरी 2025 को रमजानुल मुबारक का चांद नजर नहीं आया है। इसलिए पहला रोजा रविवार को रखा जाएगा। शनिवार (1 मार्च) को चांद दिखने के साथ ही तरावीह की नमाज शुरू हो जाएगी।”

चांद न दिखने की पुष्टि अन्य शहरों से भी हुई, जिसके बाद मरकजी चांद कमेटी ने रमजान की शुरुआत 2 मार्च से करने का ऐलान किया। साथ ही, मौलाना ने सभी को रमजान की मुबारकबाद दी और इबादत में मशगूल रहने की अपील की।

रमजान को लेकर जारी की गई एडवाइजरी

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने रमजान को लेकर एक एडवाइजरी भी जारी की। उन्होंने कहा कि रमजान इस्लाम का सबसे पवित्र महीना है और यह इबादत, सब्र और अल्लाह की रहमतों को समेटने का वक्त होता है। एडवाइजरी में निम्नलिखित अहम बिंदुओं को शामिल किया गया:

1. रोजा और इफ्तार के नियम

  • हर आकिल (समझदार), बालिग (वयस्क), मुसलमान मर्द और औरत पर रमजान में रोजा रखना फर्ज है।
  • इफ्तार (रोजा खोलने) का सही वक्त निर्धारित होता है, इसे पहले खोलने से रोजा खराब हो जाएगा।
  • इफ्तार में देरी करना मकरूह है, जिससे सवाब (पुण्य) कम हो सकता है।
  • सभी सक्षम लोगों से इफ्तार पार्टियों का आयोजन करने और गरीबों को उसमें शामिल करने की अपील की गई है।

2. तरावीह और मस्जिदों में व्यवस्था

  • रमजान के महीने में तरावीह की नमाज पढ़ना जरूरी है, क्योंकि इसी महीने में अल्लाह ने कुरान नाजिल किया था।
  • मस्जिदों की प्रबंधन कमेटी को निर्देश दिया गया कि वे नमाजियों की गाड़ियों के लिए उचित पार्किंग की व्यवस्था करें, जिससे ट्रैफिक में कोई रुकावट न हो।

3. सेहरी और शोर-शराबे से बचाव

  • सेहरी करना सुन्नत है और इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए।
  • बार-बार ऐलान करने या लाउडस्पीकर बजाने से बचने की हिदायत दी गई ताकि किसी को परेशानी न हो।
  • मोहल्ले और मस्जिदों के आसपास सफाई रखने पर जोर दिया गया ताकि रमजान के दौरान स्वच्छता बनी रहे।

4. जकात और दान का महत्व

  • जिन लोगों पर जकात फर्ज है, उन्हें अपने कुल माल का 2.5% निकालकर जरूरतमंदों को देना चाहिए।
  • रमजान में दान और खैरात का सवाब 70 गुना अधिक मिलता है, इसलिए अधिक से अधिक गरीबों की मदद की जाए।

5. दुआ और देश की खुशहाली के लिए प्रार्थना

  • रमजान दुआओं की कुबूलियत का महीना है। रोजेदारों को चाहिए कि वे अपने और अपने परिवार के साथ-साथ देश, समाज और पूरी मिल्लत की सलामती और तरक्की के लिए दुआ करें।
  • इफ्तार और सेहरी के वक्त विशेष दुआएं मांगी जाएं, क्योंकि यह वक्त दुआ की कबूलियत का होता है।

रमजान की रौनक और अमन का संदेश

रमजान का महीना हर मुसलमान के लिए एक विशेष महत्व रखता है। यह सिर्फ भूखे-प्यासे रहने का नहीं, बल्कि खुदा की इबादत और नेकी के रास्ते पर चलने का वक्त होता है। मरकजी चांद कमेटी ने सभी मुसलमानों से अपील की कि वे रमजान के दौरान ज्यादा से ज्यादा इबादत करें, गरीबों की मदद करें और समाज में अमन और भाईचारे का पैगाम फैलाएं।

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