न्यूयॉर्क। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच ओवल ऑफिस में हुई मुलाकात से यूक्रेन संकट के शांति समझौते पर संकट गहरा गया है। व्हाइट हाउस में हुई इस मुलाकात के दौरान ट्रंप, उनके उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और जेलेंस्की के बीच तीखी बहस देखी गई। वेंस ने यूक्रेनी राष्ट्रपति पर अमेरिका का अपमान करने का आरोप लगाया, जबकि ट्रंप ने कई बार जेलेंस्की को फटकार लगाई और उन्हें तीसरे विश्व युद्ध को भड़काने का दोषी बताया।
मुलाकात के बाद नाराज जेलेंस्की तेज कदमों से व्हाइट हाउस से बाहर निकलते नजर आए। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप और जेलेंस्की के बीच मतभेद सामने आए हैं। दोनों नेताओं के रिश्ते 2019 से ही तनावपूर्ण बने हुए हैं, जब डोनाल्ड ट्रंप को अपने पहले महाभियोग (इम्पीचमेंट) का सामना करना पड़ा था।
जुलाई 2019 में ट्रंप ने जेलेंस्की को फोन कर विवाद खड़ा कर दिया था। ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति से जो बाइडेन और उनके बेटे हंटर बाइडेन के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच करने की मांग की थी। उस समय बाइडेन 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी थे।
ट्रंप ने यूक्रेन को दी जाने वाली 400 मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता भी रोक दी थी, हालांकि बाद में दबाव के चलते उन्होंने इसे जारी कर दिया। ट्रंप का आरोप था कि हंटर बाइडेन को यूक्रेनी गैस कंपनी बरिस्मा के बोर्ड में शामिल किया गया, जबकि उनके पास इस क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं था।
इसके बाद व्हिसलब्लोअर की रिपोर्ट के आधार पर डेमोक्रेट्स ने ट्रंप पर विदेशी सरकार से अमेरिकी चुनावों में दखल दिलवाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। इस मामले में ट्रंप का महाभियोग (इम्पीचमेंट) हुआ, लेकिन सीनेट में उन्हें बरी कर दिया गया।
ट्रंप 2020 का चुनाव हार गए और जो बाइडेन राष्ट्रपति बन गए। इसके बाद जेलेंस्की ने बाइडेन के साथ घनिष्ठ संबंध बना लिए, जिससे ट्रंप और नाराज हो गए।
बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन को सैन्य सहायता और अंतरराष्ट्रीय समर्थन दिया। रूस को अलग-थलग करने के लिए कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए। इस दौरान रिपब्लिकन नेताओं ने जेलेंस्की पर आरोप लगाया कि उन्होंने बाइडेन के साथ मिलकर ट्रंप को चुनाव में हराने की साजिश रची।
हाल ही में ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए व्लादिमीर पुतिन से सीधे संपर्क किया, जिससे जेलेंस्की और अधिक नाराज हो गए।
जब ट्रंप ने जेलेंस्की को “तानाशाह” कहकर संबोधित किया और युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया, तो यूक्रेनी राष्ट्रपति ने जवाब दिया कि “ट्रंप गलत सूचनाओं की दुनिया में रहते हैं।” इससे दोनों नेताओं के बीच अविश्वास और गहरा गया।
अमेरिका और रूस के वरिष्ठ अधिकारियों की पिछले हफ्ते सऊदी अरब की राजधानी रियाद में गुप्त बैठक हुई। यह बैठक यूक्रेन को बाहर रखकर युद्ध समाप्त करने के संभावित समझौते पर चर्चा के लिए थी।
जब जेलेंस्की को इस बातचीत का पता चला, तो उन्होंने इसका कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि “यूक्रेन कभी भी ऐसा समझौता स्वीकार नहीं करेगा, जिसमें वह खुद शामिल नहीं होगा।”
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने ट्रंप और जेलेंस्की के बीच सुलह कराने की कोशिश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
ट्रंप का कहना है कि पुतिन पर उन्हें पूरा भरोसा है, जबकि जेलेंस्की को डर है कि रूस किसी भी शांति समझौते को तोड़ सकता है।
विश्लेषकों के अनुसार, अगर ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बने, तो यूक्रेन को अमेरिका से मिलने वाली सहायता में कटौती हो सकती है। ट्रंप पहले ही यूक्रेन पर अपनी सैन्य क्षमताओं को लेकर सवाल उठा चुके हैं।