देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा क्षेत्र में 28 फरवरी को हुए भारी हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों के बचाव कार्य लगातार जारी हैं। अब तक 55 में से 50 श्रमिकों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया जा चुका है। लापता पांच में से एक श्रमिक सकुशल अपने घर पहुंच चुका है, जबकि बाकी चार श्रमिकों की तलाश के लिए राहत और बचाव अभियान युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार देर शाम आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन और चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राहत कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लापता श्रमिकों को जल्द से जल्द खोजने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की पूरी मदद ली जाए।
अब तक चार श्रमिकों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। शनिवार शाम तक भारतीय सेना और अन्य बचाव दलों ने स्निफर डॉग्स और थर्मल इमेजिंग कैमरों का उपयोग कर सर्च ऑपरेशन जारी रखा। रविवार से जीपीआर (गैस्ट्रोफिजिकल रेजिस्टेंस) उपकरणों की मदद से सर्च ऑपरेशन को और तेज किया जाएगा।
शनिवार को माणा स्थित सेना के अस्पताल से 24 श्रमिकों को जोशीमठ लाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। इनमें से दो श्रमिकों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया। इनमें से एक श्रमिक को एम्स में भर्ती कर दिया गया है, जबकि दूसरे को वहां ले जाने की प्रक्रिया जारी है।
बदरीनाथ और माणा क्षेत्र में हुए हिमस्खलन में फंसे कुल 26 श्रमिकों को बचाया गया, जिनमें से 23 सुरक्षित हैं और 3 की मृत्यु हो गई। चमोली के जिलाधिकारी ने बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) को निर्देश दिया कि वे लापता श्रमिकों के परिवारों से संपर्क कर उनकी स्थिति की जानकारी प्राप्त करें। इस दौरान बीआरओ ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा निवासी सुनील कुमार के घर संपर्क किया और पाया कि वह सुरक्षित अपने घर पहुंच चुके हैं।
शनिवार देर शाम तक राहत दलों ने आठ कंटेनरों की पूरी जांच की, लेकिन इनमें कोई भी श्रमिक नहीं मिला। इस बीच, आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट के निदेशक को पत्र भेजकर एयरपोर्ट के वॉच आवर्स को रात 8:30 बजे तक बढ़ाने की अपील की, ताकि दिल्ली से भेजे गए जीपीआर उपकरण की लैंडिंग में कोई समस्या न हो।
सेना, एनडीआरएफ और अन्य बचाव एजेंसियों की टीमों को रात-दिन अभियान जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान कर रही है और लापता श्रमिकों की तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।