नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पिछली आप सरकार के स्वास्थ्य मॉडल और अस्पतालों को ‘बीमार’ बताते हुए उन पर भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन, नकली दवाओं के वितरण और जनता के पैसे की बर्बादी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सीएजी (भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट भाजपा के दावों की पुष्टि करती है।
सीएम गुप्ता ने कहा कि मरीजों को नकली दवाएं दी गईं और फर्जी मरीजों के नाम पर असली भुगतान किया गया। उन्होंने पिछली सरकार पर मोहल्ला क्लीनिक योजना के नाम पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए कहा, “इस योजना में सब कुछ फर्जी था, सिवाय भुगतान और जनता के पैसे की बर्बादी के।”
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने अस्पतालों की स्थिति को बदतर बना दिया और डॉक्टरों तथा नर्सों के रिक्त पदों को भरने में विफल रही।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने कहा कि सीएजी द्वारा उजागर की गई गड़बड़ियों की जांच कराई जाएगी और भ्रष्टाचार में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
सीएजी रिपोर्ट में हुए बड़े खुलासे
28 फरवरी को पेश की गई सीएजी रिपोर्ट जिसमें कोविड फंड का सही उपयोग नहीं हुआ – केंद्र सरकार द्वारा जारी 787.91 करोड़ रुपये में से केवल 582.84 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया। दवाइयों और जरूरी आपूर्ति के लिए आवंटित 119.85 करोड़ में से 83.14 करोड़ रुपये खर्च नहीं किए गए। लोक नायक अस्पताल, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय समेत कई प्रमुख अस्पतालों में कर्मचारियों की भारी कमी बनी हुई है। 14 अस्पतालों में आईसीयू सेवाएं, 16 में ब्लड बैंक, 8 में ऑक्सीजन आपूर्ति, 15 में मुर्दाघर और 12 में एम्बुलेंस सेवाएं उपलब्ध नहीं थीं। नर्सों की 21% और पैरामेडिकल कर्मचारियों की 38% कमी दर्ज की गई।
विपक्षी दलों ने सदन में हंगामा करते हुए महिलाओं को 2,500 रुपये प्रतिमाह देने की मांग की और स्वास्थ्य विभाग में 5,000 से अधिक रिक्त पदों को भरने की विफलता पर सवाल उठाए।
स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने सीएजी रिपोर्ट को लोक लेखा समिति को भेजते हुए स्वास्थ्य विभाग से एक महीने के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
सीएम गुप्ता ने कहा कि “हम हर विभाग को कर्ज मुक्त करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और अपने सभी वादों को पूरा करेंगे।” उन्होंने अरविंद केजरीवाल के हालिया बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा, “अंततः उन्होंने स्वीकार कर लिया कि वे यमुना की सफाई और स्वच्छ जल उपलब्ध कराने में विफल रहे हैं।”