लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अबू आजमी के मुगल शासक औरंगजेब को लेकर दिए गए बयान पर सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस विवाद में अब कांग्रेस सांसद इमरान मसूद भी कूद पड़े हैं। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री एफआईआर की मांग कर रहे हैं, तो क्या वहां की सरकार इतनी कमजोर है कि खुद निर्णय नहीं ले पा रही?
इमरान मसूद ने कहा, “मैंने अबू आजमी का बयान नहीं सुना है, लेकिन जिस तरह की चर्चा मीडिया में हो रही है, उससे लगता है कि किसी को भी अधूरा ज्ञान नहीं रखना चाहिए। पहले पूरे तथ्यों को समझना चाहिए। अगर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री खुद एफआईआर की मांग कर रहे हैं, तो क्या उनकी सरकार इतनी कमजोर है कि वे इस पर फैसला नहीं ले पा रहे?”
मसूद ने इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि औरंगजेब पूरे 49 साल तक हिंदुस्तान का बादशाह रहा। उन्होंने कहा, “अगर कोई औरंगजेब को देशद्रोही कहता है, तो यह किस आधार पर कह रहा है? बनारस का गजेटियर उठा लीजिए। अबू आजमी ने इतिहास पढ़ा होगा, तभी उन्होंने यह बात कही है। मैंने भी पढ़ा है कि औरंगजेब की सरकार में सबसे ज्यादा हिंदू मंत्री थे और उस समय देश की जीडीपी 27% थी।”
कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि मुगल शासकों के वंशज आज बदहाली में जी रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “मुगलों के वंशज कलकत्ता की गलियों में बर्तन धोने को मजबूर हैं। बहादुर शाह जफर ने कहा था कि मुझे मेरे वतन में दफनाया जाए, लेकिन यहां उन्हें दफनाने की इजाजत तक नहीं दी गई।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह अबू आजमी के बयान का न तो समर्थन कर रहे हैं और न ही विरोध, बल्कि सिर्फ ऐतिहासिक तथ्यों को सामने रख रहे हैं।
इमरान मसूद ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती द्वारा अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निकाले जाने पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह बेहद दुखद है। मैं आकाश को जानता हूं, वह एक अच्छा लड़का है। वह बसपा की विचारधारा को मजबूत करने की बात करता था। हमें नहीं पता कि वह किस साजिश का शिकार हुआ है, लेकिन यह सही नहीं हुआ।”