लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को 2025-26 के सामान्य बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा डॉ. राम मनोहर लोहिया के आदर्शों और मूल्यों से बहुत दूर जा चुकी है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सपा डॉ. लोहिया का नाम तो लेती है, लेकिन उनके बताए सिद्धांतों का पालन नहीं करती।
मुख्यमंत्री ने उपचुनावों में समाजवादी पार्टी की हार पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “दूसरों को उपदेश देने से पहले सपा नेताओं को खुद अपने आचरण पर ध्यान देना चाहिए। अगर वे अपने व्यवहार में सुधार लाते, तो इतनी करारी हार नहीं झेलनी पड़ती और 2027 में भी ऐसी ही हार का सामना करने के लिए मजबूर नहीं होते।”
सीएम योगी ने बजट पर चर्चा में भाग लेने वाले सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि अब तक 93 सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया, जिनमें से 59 सदस्य सत्ता पक्ष और सहयोगी दलों से थे, जबकि 34 विपक्षी सदस्य भी अपनी बात रख चुके हैं।
नेता प्रतिपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “नेता प्रतिपक्ष ने आज सदन में बड़े दार्शनिक अंदाज में अपनी बात रखी। उन्होंने खुद को डॉ. लोहिया का अनुयायी बताने की कोशिश की, लेकिन वे उनके विचारों को आचरण में उतार पाते हैं या नहीं, यह उन्हें खुद देखना चाहिए।”
सीएम योगी ने कहा कि डॉ. लोहिया का मानना था कि “एक सच्चा समाजवादी वही होता है, जो संपत्ति और संतति (वंशवाद) से दूर रहे।” उन्होंने कहा कि सपा के आचरण से ही साफ है कि वह इस आदर्श से कितनी दूर है।
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि डॉ. लोहिया ने भारत के तीन आदर्शों-राम, कृष्ण और शंकर-की बात कही थी। उन्होंने कहा, “जब तक भारत इन तीन महापुरुषों को अपना आदर्श मानता रहेगा, तब तक कोई इसे हिला नहीं सकता। लेकिन समाजवादी पार्टी का इन तीनों पर कोई विश्वास नहीं है, क्योंकि वे हमेशा भारत की आस्था से खिलवाड़ करते रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने सपा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “आप कहते हैं कि हमारी सोच सांप्रदायिक है। बताइए, हमारी सोच कैसे सांप्रदायिक है? हम तो सबका साथ, सबका विकास की बात करते हैं। हमारा आदर्श तो ‘सर्वे भवंतु सुखिनः, सर्वे संतु निरामया’ (सभी सुखी रहें, सभी निरोगी रहें) है।”
उन्होंने महाकुंभ 2025 का उदाहरण देते हुए कहा कि 45 दिन के इस आयोजन ने भारत की विरासत और विकास को वैश्विक मंच पर रखा। उन्होंने कहा, “महाकुंभ में 100 से अधिक देशों के श्रद्धालु शामिल हुए। इसमें कोई जाति, क्षेत्र, मत या मजहब का भेदभाव नहीं हुआ।”
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार राज्य की विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “26 फरवरी को संभल में 56 वर्षों के बाद शिव मंदिर में जलाभिषेक हुआ।”
उन्होंने आगे कहा, “संभल में पहले 67 तीर्थ स्थल थे और 19 कूप थे, लेकिन एक सुनियोजित साजिश के तहत इन्हें खत्म कर दिया गया। हमारी सरकार ने इनमें से 54 तीर्थों को खोज निकाला है और 19 कूपों को भी मुक्त कराया गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार केवल प्रदेश की धरोहर को पुनः स्थापित करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा, “हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि जो हमारा है, वह हमें मिलना चाहिए। इससे अधिक हम कुछ नहीं चाहते। सच कड़वा होता है और उसे स्वीकार करने का साहस भी होना चाहिए।”