पटना। बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच तीखी नोकझोंक हुई। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब देते हुए नीतीश कुमार विपक्ष पर जमकर बरसे। उन्होंने तेजस्वी यादव की टोका-टोकी से नाराज होकर यहां तक कह दिया कि “तुम्हारे पिता (लालू यादव) को भी हमने ही मुख्यमंत्री बनवाया था।”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब 2005 से पहले बिहार की स्थिति की चर्चा कर रहे थे, तभी तेजस्वी यादव ने हस्तक्षेप किया। इससे नाराज होकर नीतीश कुमार ने कहा, “तुम्हारे पिता को भी हम ही मुख्यमंत्री बनाए थे। तुम्हारे जाति वाले भी आपत्ति कर रहे थे कि काहे बना दिए।”
उन्होंने कहा कि “लालू यादव पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग को खत्म कर सिर्फ पिछड़ा वर्ग करने वाले थे। हमने इसका विरोध किया और फिर उनसे अलग हो गए।”
मुख्यमंत्री ने राजद और जदयू सरकारों के कार्यकाल की तुलना करते हुए कहा कि 2005 से पहले बिहार में भय, भ्रष्टाचार और अराजकता का माहौल था। उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, “तब शाम को कोई घर से बाहर निकलता था क्या? अगर नहीं जानते तो प्रेस वालों से पूछ लो।”
उन्होंने कहा कि “पहले कहीं आने-जाने का रास्ता नहीं था। यात्रा करना बहुत मुश्किल था। समाज में विवाद, हिंदू-मुस्लिम झगड़े बहुत होते थे। पढ़ाई-लिखाई की स्थिति खराब थी। इलाज का कोई उचित इंतजाम नहीं था। सड़कें बेहद कम थीं। बिजली की हालत दयनीय थी। लेकिन जब हमारी सरकार आई, तो हमने इन सभी क्षेत्रों में सुधार किया।”
नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि आज बिहार में प्रेम, भाईचारा और शांति का माहौल है। उन्होंने कहा कि “हर क्षेत्र में हमने विकास किया है। हमारी सरकार के आने के बाद कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई गई, जिससे हिंदू-मुस्लिम झगड़े खत्म हो गए।”
मुख्यमंत्री ने भागलपुर दंगे का जिक्र करते हुए कहा कि “हमारी सरकार आते ही उन सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई, जिन्होंने उस समय गड़बड़ी फैलाई थी। जितने भी मुस्लिम परिवार प्रभावित थे, उनकी समस्याओं को हल किया गया।”
जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की उपलब्धियों और राजद सरकार की खामियों का जिक्र किया, तो विपक्षी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा में बार-बार शोरगुल होता रहा, लेकिन मुख्यमंत्री ने अपने भाषण को जारी रखा और विपक्ष पर तीखे हमले करते रहे।