लखनऊ। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर टिप्पणी के एक मामले में बुधवार को लखनऊ की अदालत में पेश नहीं हुए। इस पर अदालत ने उन पर दो सौ रुपये का जुर्माना लगाते हुए अगली सुनवाई पर अनिवार्य रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।
क्या है मामला?
अदालत में याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय ने बताया कि राहुल गांधी ने 17 दिसंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में आयोजित प्रेस वार्ता में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने सावरकर को “अंग्रेजों का नौकर” और “पेंशन लेने वाला” कहा था। अधिवक्ता के अनुसार, गांधी का यह बयान समाज में वैमनस्य और घृणा फैलाने के लिए दिया गया था। इस दौरान वहां पर पर्चे भी बांटे गए थे।
राहुल गांधी के इस बयान के बाद उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) और 505 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई थी। मामला अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) की अदालत में विचाराधीन है।
बुधवार को अदालत में पेश न होने पर राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट ने 200 रुपये का जुर्माना लगाया और 14 मार्च को अगली सुनवाई पर अनिवार्य रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया। अदालत ने यह भी चेतावनी दी कि अगर वह अगली सुनवाई में भी गैरहाजिर रहे तो उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से उनके अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने अदालत में एक प्रार्थना पत्र (अर्जी) दाखिल किया। इस अर्जी में बताया गया कि राहुल गांधी इस समय लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं और बुधवार को उनकी एक गणमान्य व्यक्ति से मुलाकात का पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम था। उन्होंने अर्जी में यह भी कहा कि वह अदालत का बहुत सम्मान करते हैं।