जम्मू। विदेश मंत्री एस जयशंकर के पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को लेकर दिए गए बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि पीओके लेने से उन्हें किसने रोका है, जब चाहें ले सकते हैं।
मीडिया से बातचीत के दौरान जब फारूक अब्दुल्ला से विदेश मंत्री के बयान पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “अगर वे पीओके को लेना चाहते हैं, तो ले लें। हमने उन्हें कब रोका है?” उनके इस बयान से सियासी हलकों में हलचल मच गई है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में इंग्लैंड में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि पीओके जैसे ही भारत में शामिल होगा, कश्मीर की समस्या पूरी तरह हल हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने जम्मू-कश्मीर को लेकर जो कदम उठाए हैं, वे कश्मीर समस्या के समाधान की ओर बढ़ते कदम हैं।
इस बयान पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) नेता केसी त्यागी ने समर्थन जताते हुए कहा, “मैं विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान से पूरी तरह सहमत हूं। पीओके भारत और कश्मीर का अभिन्न अंग है। उसके बिना भारत और कश्मीर अधूरे हैं।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी जयशंकर के बयान का समर्थन किया और कहा कि, “1994 में संसद में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा माना गया था। यह भारत की पुरानी नीति रही है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि जब मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर का परिसीमन किया और 114 सीटों में से 24 सीटें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लिए आरक्षित कीं, तो यह स्पष्ट संकेत था कि भारत इस क्षेत्र को अपने साथ जोड़ने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने बयान में कहा था, “कश्मीर में वास्तव में हमने बहुत अच्छा काम किया है। मुझे लगता है कि हमने इसका अधिकांश समाधान कर लिया है। अनुच्छेद 370 को हटाना पहला कदम था। फिर, कश्मीर में विकास और आर्थिक गतिविधियों को बहाल करना और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना दूसरा कदम था। चुनाव कराना, जिसमें बहुत अधिक मतदान हुआ, यह तीसरा कदम था।”
इसके बाद उन्होंने पीओके का जिक्र करते हुए कहा, “अब हम जिस हिस्से का इंतजार कर रहे हैं, वह कश्मीर का वह क्षेत्र है जो अवैध पाकिस्तानी कब्जे में है। जब यह हिस्सा हमारे साथ आ जाएगा, तो मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि कश्मीर का मुद्दा हमेशा के लिए हल हो जाएगा।”
एस जयशंकर के इस बयान के बाद से देश में राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। भाजपा इसे राष्ट्रीय हित से जुड़ा मुद्दा बता रही है, जबकि विपक्षी दल इस पर सवाल उठा रहे हैं। फारूक अब्दुल्ला के तंज से यह मुद्दा और गर्मा गया है।