लखनऊ। विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को लेकर दिए गए बयान का उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री मोहसिन रजा ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि जयशंकर ने जो कहा है, वह बिल्कुल सही है और मैं उनके बयान से पूरी तरह सहमत हूं।
मोहसिन रजा ने कहा, “पीओके शब्द बार-बार सुनने से हमारे दिल पर एक भारी बोझ सा महसूस होता है, क्योंकि यह सही मायने में भारत का हिस्सा है। पीओके के लोग भी भारत में शामिल होना चाहते हैं, क्योंकि भारत में विकास हो रहा है और यहां सुरक्षा है।”
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी द्वारा भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी के रोजा न रखने पर की गई टिप्पणी पर भी मोहसिन रजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “शहाबुद्दीन रजवी को माफी मांगनी चाहिए क्योंकि यह सिर्फ शमी का मामला नहीं है, यह हम सबका मामला है। यह हमारे और अल्लाह के बीच का मामला है, तो वे कौन होते हैं फैसला करने वाले? अगर उन्हें कोई लाभदायक बात पता है तो वे उसे साझा कर सकते हैं, लेकिन किसी को पापी घोषित करना बेबुनियाद है।”
मोहसिन रजा ने आगे कहा, “मोहम्मद शमी अपना धर्म निभाने के साथ-साथ देश का धर्म भी निभा रहे हैं। इस्लाम में स्पष्ट है कि जब कोई व्यक्ति सफर में होता है तो वह बाद में रोजा रख सकता है। ऐसे में मौलाना शहाबुद्दीन रजवी को खुद माफी मांगनी चाहिए।”
महाराष्ट्र विधानसभा से समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक अबू आजमी के निलंबन के मामले में मोहसिन रजा ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “विपक्ष, खासकर समाजवादी पार्टी ने हमेशा ऐसे बयानों का समर्थन किया है। वे आक्रमणकारियों और औरंगजेब जैसे शासकों की निंदा का विरोध करते हैं, जिन्होंने देश के खिलाफ काम किया था। जब कोई ऐसे अत्याचारियों के खिलाफ बोलता है, तो समाजवादी पार्टी के नेता उनके बचाव में खड़े हो जाते हैं।”
उन्होंने कहा, “अबू आजमी पर पहले से ही कई मुकदमे दर्ज हैं। उनके निलंबन पर समाजवादी पार्टी को जवाब देना चाहिए। अबू आजमी ने जो बयान दिया, वह किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन पर कार्रवाई होनी चाहिए और यह समाज के लिए एक सही संदेश देगा।”
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ करते हुए उसे इंसाफ पसंद शासक बताया था। उनके इस बयान के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया, जिसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा ने अबू आजमी को मौजूदा सत्र के लिए निलंबित कर दिया। इसके साथ ही विधानसभा परिसर में उनके प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई।
बता दें कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक कार्यक्रम में कहा था कि, “हमने कश्मीर में बहुत अच्छा काम किया है। अनुच्छेद 370 को हटाना पहला कदम था। विकास और आर्थिक गतिविधियों को बहाल करना दूसरा कदम था। चुनाव कराना और उसमें भारी मतदान होना तीसरा कदम था। अब हम जिस हिस्से की प्रतीक्षा कर रहे हैं, वह कश्मीर का वह भाग है जो अवैध रूप से पाकिस्तान के कब्जे में है। जब यह हो जाएगा, तो कश्मीर का मुद्दा पूरी तरह हल हो जाएगा।”