नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में भारत की आर्थिक प्रगति, विकास योजनाओं और वैश्विक प्रभाव पर जोर देते हुए कहा कि आज पूरी दुनिया मान रही है कि यह भारत की सदी है। उन्होंने कहा कि जिस भारत को कभी कमजोर समझा जाता था, वह आज दुनिया की आर्थिक वृद्धि (ग्रोथ) को संचालित कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की आर्थिक प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा, “आजादी के 65 साल बाद भी भारत दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। लेकिन बीते एक दशक में भारत ने तेज गति से प्रगति की और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। अब हम उतनी ही तेजी से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बढ़ रहे हैं।”
उन्होंने 18 साल पहले (2007) और वर्तमान समय की तुलना करते हुए कहा कि 2007 में भारत की वार्षिक जीडीपी एक लाख करोड़ डॉलर थी। इसका मतलब यह था कि सालभर में भारत में एक लाख करोड़ डॉलर की आर्थिक गतिविधि होती थी। लेकिन अब सिर्फ तीन महीनों (एक तिमाही) में इतनी ही आर्थिक गतिविधि हो रही है। उन्होंने कहा, “यह भारत की आर्थिक गति और क्षमता को दर्शाता है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि बीते 10 सालों में भारत ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। उन्होंने कहा, “यह संख्या कई देशों की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा है।”
प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों की वित्तीय अनियमितताओं पर निशाना साधते हुए कहा, “एक समय था जब सरकार खुद मानती थी कि गरीबों तक भेजा गया एक रुपया सिर्फ 15 पैसे बनकर पहुंचता था, बाकी 85 पैसा बिचौलियों के पास चला जाता था। लेकिन आज सरकार की पारदर्शी योजनाओं और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से गरीबों के खातों में सीधे पैसा पहुंचाया जा रहा है। बीते दशक में 42 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि डीबीटी के जरिए गरीबों को भेजी गई।”
प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि अब भारत का युवा सिर्फ नौकरी तलाशने वाला नहीं रहा, बल्कि नौकरी देने वाला बन रहा है। उन्होंने कहा कि भारत का युवा अब नवाचार (Innovation) कर रहा है और नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
उन्होंने बताया कि स्टार्टअप इंडिया, आत्मनिर्भर भारत अभियान, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल जैसी पहलें भारत को वैश्विक विनिर्माण हब (Global Manufacturing Hub) बनाने की दिशा में आगे बढ़ा रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत जब विकसित राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है, तो हमें समावेशी दृष्टिकोण अपनाना होगा। उन्होंने कहा, “एक ऐसा भारत बनाना होगा जहां कोई गरीब न रहे, कोई वंचित न रहे, हर नागरिक को समान अवसर मिले और हर व्यक्ति अपने सपनों को साकार कर सके। यह संकल्प सिर्फ सरकार का नहीं, बल्कि हर नागरिक का भी होना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि भारत को विकसित बनाने के लिए देशवासियों को अपने-अपने क्षेत्र में श्रेष्ठता प्राप्त करनी होगी, नवाचार करना होगा और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखना होगा।