बेंगलुरू। भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है, जिससे देश महिला संस्थापकों द्वारा जुटाई गई कुल फंडिंग के मामले में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप ने अब तक कुल 26.4 बिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में इस समय 7,000 से अधिक एक्टिव महिला-नेतृत्व वाले स्टार्टअप हैं, जो देश के कुल स्टार्टअप का 7.5 प्रतिशत हैं। भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में महिलाओं की मजबूत उपस्थिति के कारण यह क्षेत्र निवेशकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
प्रमुख स्टार्टअप रिसर्च और एनालिटिक्स फर्म ट्रैक्सन की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 भारतीय महिला स्टार्टअप्स के लिए सबसे सफल वर्ष रहा। इस वर्ष इन स्टार्टअप्स ने कुल 6.3 बिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई।
बेंगलुरु महिला-नेतृत्व वाले स्टार्टअप की संख्या और अब तक जुटाई गई कुल फंडिंग के मामले में सबसे आगे है। इसके बाद मुंबई और दिल्ली-एनसीआर का स्थान आता है।
2022 में भारतीय स्टार्टअप्स की वैश्विक फंडिंग हिस्सेदारी 15.18 प्रतिशत थी। इसी वर्ष, महिला-नेतृत्व वाले भारतीय स्टार्टअप्स ने 5 बिलियन डॉलर जुटाए, जबकि वैश्विक स्तर पर इस क्षेत्र में कुल 32.8 बिलियन डॉलर का निवेश हुआ।
2024 में, महिला सह-नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स द्वारा जुटाई गई फंडिंग के मामले में भारत अमेरिका और यूके के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया। भारत ने इस वर्ष वैश्विक महिला स्टार्टअप फंडिंग का 3.96 प्रतिशत हासिल किया।
महिला संस्थापकों द्वारा संचालित स्टार्टअप्स में सबसे अधिक फंडिंग खुदरा (रिटेल) क्षेत्र में हुई, जिसने अब तक 7.8 बिलियन डॉलर जुटाए हैं।
इसके बाद एडटेक (5.4 बिलियन डॉलर) और एंटरप्राइज एप्लिकेशन (5 बिलियन डॉलर) का स्थान है।
रिपोर्ट के अनुसार, महिला संस्थापकों द्वारा संचालित स्टार्टअप्स बी2सी ई-कॉमर्स, इंटरनेट-फर्स्ट ब्रांड और फैशन टेक में तेजी से उभर रहे हैं। ये स्टार्टअप न केवल अधिक निवेश प्राप्त कर रहे हैं बल्कि नए उद्योगों को परिभाषित करने, रोजगार बढ़ाने और भविष्य के उद्यमियों के लिए नए मानक स्थापित करने में भी मदद कर रहे हैं।
महिला स्टार्टअप्स के अधिग्रहण की सबसे अधिक संख्या 2021 में दर्ज की गई, जिसमें 45 अधिग्रहण हुए। हालांकि, 2022 में यह संख्या 20 प्रतिशत घटकर 36 रह गई और 2023 में 30.5 प्रतिशत घटकर 25 पर पहुंच गई।
2024 में अब तक महज 16 अधिग्रहण दर्ज किए गए हैं, जो इस क्षेत्र में कुछ गिरावट को दर्शाता है।
हालांकि महिला स्टार्टअप फाउंडर्स को अभी भी जेंडर बेस्ड फंडिंग गैप से जूझना पड़ता है, लेकिन रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि महिला-नेतृत्व वाले स्टार्टअप भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र और अधिक विकास करेगा और महिलाओं की भागीदारी भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को और मजबूती प्रदान करेगी।