न्यूयॉर्क। आतंकवाद और हिंसक संघर्ष की आशंकाओं को देखते हुए अमेरिका ने अपने नागरिकों को भारत-पाकिस्तान सीमा, नियंत्रण रेखा (एलओसी) के आसपास के क्षेत्रों, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों की यात्रा न करने की चेतावनी दी है। अमेरिकी विदेश विभाग ने एक नई ट्रैवल एडवाइजरी जारी करते हुए पाकिस्तान की यात्रा को पुनर्विचार करने की सलाह दी है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने अपनी एडवाइजरी में कहा कि पाकिस्तान के कई हिस्सों में आतंकवादी संगठनों की सक्रियता बनी हुई है, जिससे वहां आतंकी हमलों और सशस्त्र संघर्ष की आशंका बनी रहती है। आतंकवादी अक्सर बिना किसी पूर्व चेतावनी के हमले कर सकते हैं और सरकारी प्रतिष्ठानों, परिवहन केंद्रों, बाजारों, शॉपिंग मॉल, सैन्य ठिकानों, हवाई अड्डों, विश्वविद्यालयों, स्कूलों, अस्पतालों और पूजा स्थलों को निशाना बना सकते हैं।
अमेरिका ने अपने नागरिकों को विशेष रूप से बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में जाने से बचने की सलाह दी है। इन इलाकों में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) जैसे आतंकवादी संगठनों की गतिविधियां बढ़ी हैं। हाल के महीनों में इन संगठनों ने बड़ी संख्या में आम नागरिकों और सुरक्षाबलों को निशाना बनाया है।
अमेरिका की यह एडवाइजरी उस समय आई है जब ऑस्ट्रेलिया स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस द्वारा जारी वैश्विक आतंकवाद सूचकांक में पाकिस्तान को दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आतंकवाद-प्रभावित देश बताया गया है। इस रिपोर्ट में 163 देशों का सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें पाकिस्तान में बढ़ती आतंकी घटनाओं को गंभीर खतरा माना गया है।
अमेरिकी सरकार ने भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट भी अमेरिकी नागरिकों को जाने से बचने की सलाह दी है। रिपोर्ट में कहा गया कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास आतंकी गतिविधियों का खतरा है, जिससे अप्रत्याशित हमले हो सकते हैं।