बांका। प्रसिद्ध कथावाचक और बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बिहार के बांका में हिंदू एकता पर जोर दिया। एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने जातिवाद को समाप्त करने की अपील की और हिंदुओं से एकजुट होने का आग्रह किया। उनके इस प्रवचन में हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे और उनके विचारों के समर्थन में जयकारे लगाए।
अपने संबोधन में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, “मंदिरों में लिखा होता है कि चप्पल-जूते बाहर उतारिए, लेकिन हमें यह लिखना चाहिए कि जात-पात छोड़कर आइए।” उन्होंने समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव को समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि हिंदू समाज को एकजुट होकर सनातन संस्कृति को मजबूत करना चाहिए। उन्होंने हिंदू समाज को विभाजनकारी विचारधाराओं से सावधान रहने की सलाह दी।
इससे पहले बिहार के गोपालगंज में भी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हिंदू एकता का संदेश दिया था। उन्होंने अपने बयान में कहा, “हिंदुओं का परचम अब दिखने लगा है। लोग कहते हैं कि अगर हम बिहार आए तो जेल में डाल दिया जाएगा। तुम रोहिंग्या और घुसपैठियों को रोक नहीं पाए, हम तो भारत के हैं, हम बिहार के हैं, बिहार हमारा है और हम आते रहेंगे।” उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसी राजनीतिक दल के प्रचारक नहीं हैं और उनका उद्देश्य केवल भगवान बजरंग बली की भक्ति है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक चंद्रशेखर ने उनके बयानों पर आपत्ति जताई और कहा कि धीरेंद्र शास्त्री को जेल में डाल देना चाहिए क्योंकि वह संविधान विरोधी बातें करते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या हमारा संविधान हिंदू राष्ट्र बनाने की इजाजत देता है? चंद्रशेखर ने यह भी आरोप लगाया कि धीरेंद्र शास्त्री “राम रहीम और आसाराम” जैसे बाबाओं की श्रेणी में आते हैं और उनकी जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वह जीवनभर हिंदू समाज की सेवा करते रहेंगे और बिहार उनका घर एवं आत्मा है। उन्होंने कहा, “जब तक जिंदा रहेंगे, तब तक दरबार लगाएंगे और जिंदगी भर बिहार आते रहेंगे।” उन्होंने दोहराया कि वह किसी भी राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित नहीं हैं और केवल धार्मिक प्रचार व हिंदू समाज को संगठित करने में विश्वास रखते हैं।