मुजफ्फरनगर। कलेक्ट्रेट परिसर स्थित जिलाधिकारी कार्यालय पर भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने विभिन्न किसान समस्याओं को लेकर धरना दिया।
भाकियू अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने आरोप लगाया कि रियल टाइम खतौनी बनाते समय राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों के नामों में बड़े स्तर पर गलतियां की गई हैं। इससे किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि बैंक के अधिकारी किसानों के कृषि क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन का नवीनीकरण नहीं कर रहे हैं, जिससे किसानों की वित्तीय स्थिति प्रभावित हो रही है। धर्मेंद्र मलिक ने प्रशासन से मांग की कि तहसील के अधिकारी गांव-गांव में कैंप लगाकर खतौनियों में नामों की गलतियों को सही करें, ताकि किसानों को राहत मिल सके।
धरने में मौजूद किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि जनपद में गन्ना कटाई का कार्य समाप्ति की ओर है, लेकिन चीनी मिलें गन्ना खरीदने में देरी कर रही हैं। इसके अलावा, गन्ना किसानों की समस्याओं को अनदेखा किया जा रहा है और पेस्टिसाइड कंपनियां प्रशासन से मिलीभगत कर किसानों को महंगे कीटनाशक बेच रही हैं। किसानों ने मांग की कि गन्ना किसानों की समस्याओं को तत्काल प्रभाव से हल किया जाए और पेस्टिसाइड कंपनियों की मनमानी पर रोक लगाई जाए।
भाकियू अराजनैतिक के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि उनकी सभी मांगों का जल्द समाधान नहीं किया गया, तो अप्रैल माह में कलेक्ट्रेट परिसर में एक बड़े अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान अपनी समस्याओं को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
धरने में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा करने की अपील की।