क्यूब हाइवे रूट्स फाउंडेशन ने सररूरपुर व सरधना के 100 टीबी मरीजों को लिया गोद
पोषण पोटली पाकर टीबी मरीजों के चेहरे खिले
मेरठ। टीबी को जड़ से समाप्त करने के लिए लगातार मरीजो की तलाश जारी है। 1 जनवरी से सौ दिवसीय सघन टीबी अभियान चल रहा है। देश से टीबी को समाप्त कराने में स्वंय संस्था आगे आ रही है। सामाजिक संस्था क्यूब हाइवे रूटर्स फाउनडेशन ने सीएचसी सरधना व सीएचसी सरूरपुर के पचास -पचास टीबी मरीजों को गोद लिया है। फाउंडेशन ने सकंल्प लिया अगले छह माह तक वह टीबी मरीजों के ठीक होने तक पोषण पोटली का वितरण करेगी।
कार्यक्रम का आयोजन सीएचसी सरधना व सरूरपुर में आयोजन किया गया। फाउंडेशन के डिप्टी प्रोजेक्ट हेड शोएब खान ने बताया फाउंडेशन देश के टोल प्लाजा पर काम कर रही है। संस्था सामाजिक कार्य भी कर रही है। इसी क्रम में दो सीएचसी सरधना व सरूरपुर के 50-50 टीबी मरीजों को गोद लिया है। मेैनेजर राकेश राय ने बताया संस्था मेरठ के अलावा अन्य शहरो में टीबी को मुक्त भारत अभियान के तहत टीबी मरीजों को गोद ले रहे है। इस दौरान जिला क्षय रोग अधिकारी डा. गुलशन राय, एमओआईसी सरधना डा. संदीप गौतम व प्रशांत सोलंकी, एसटीएस विजय पाल सिंह, हितेश प्रताप, नईम खान, जिला क्षय रोग विभाग से अजय सक्सेना , नेहा सक्सेना, अंजू गुप्ता आदि मौजूद रहे। इस दौरान टीबी मरीजों को पोषण प्रदान की गयी। पोषण पोटली पाकर टीबी मरीजों के चेहरे खिल उठे। इस दौरान डीटीओ डा. राय ने बताया कि टीबी के इलाज के दौरान दवाओं के साथ-साथ पोषण और भावनात्मक सहयोग भी जरूरी है। इसलिए टीबी की दवा के साथ पोषण का भी ध्यान रखना चाहिए । उन्होंने मरीजों को बताया कि टीबी की दवा नाश्ते के बाद ही लें। मरीज सुबह नाश्ते के बाद ही टीबी की दवा लें। राेज सुबह हल्का हल्का व्यायाम करें। खाने में फाइबर वाली चीजें जैसे हरी सब्जिंया ,मौसमी फल ,दालें, सोयाबीन ज्यादा से ज्यादा लें। खाने के तुरंत बाद लेंटे नहीं बल्कि टहलें। टीबी मरीजाें को ठीक होने तक किसी भी हालत में दवा को बंद नहीं करना है।
सीएसआर के अश्वनी चौहान ने बताया कि हमारा उददेश्य है कि हमारी इस पहल से टीबी मरीजों की सेहत में सुधार होगा । वे जल्दी से टीबी की बीमारी से मुक्ति पा जाएंगे।