लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशीराम की जयंती के मौके पर शनिवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और बहुजन समाज के उत्थान के लिए कांशीराम के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि बसपा ने अपने शासनकाल में बहुजनों के लिए अच्छे दिन लाकर दिखाए, जबकि अन्य सरकारों के दावे केवल हवा-हवाई साबित हुए हैं।
बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा,
“बहुजन समाज पार्टी के जन्मदाता व संस्थापक परम आदरणीय मान्यवर श्री कांशीराम जी को आज उनके जन्मदिन पर बीएसपी द्वारा देशभर में शत-शत नमन, माल्यार्पण, श्रद्धा-सुमन अर्पित व उनके ‘सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति’ मूवमेंट को तन, मन, धन से मजबूत बनाने के संकल्प हेतु सभी का तहेदिल से आभार।”
मायावती ने आगे लिखा, बहुजन समाज को अपार गरीबी, बेरोजगारी, शोषण, अत्याचार, पिछड़ेपन, जातिवाद, सांप्रदायिक हिंसा व तनाव आदि के त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए अपने कीमती वोट की ताकत को समझकर अपना उद्धार स्वयं करने योग्य बनने हेतु सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करना जरूरी है, यही आज के दिन का उच्च संदेश है।”
मायावती ने बसपा के शासनकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की विशाल आबादी को अनुभव है कि बसपा का नेतृत्व कथनी में कम और करनी में ज्यादा विश्वास रखता है। उन्होंने कहा कि अपने शासनकाल में बसपा ने बहुजनों का सर्वांगीण विकास करके उनके काफी अच्छे दिन लाकर दिखाए हैं। इसके विपरीत अन्य राजनीतिक दलों की सरकारों की अधिकतर बातें और दावे केवल हवा-हवाई और छलावा हैं।”
गौरतलब है कि कांशीराम का जन्म ब्रिटिश शासन काल में पंजाब के रूपनगर (वर्तमान में रोपड़ जिला) में 15 मार्च 1934 को हुआ था। उन्होंने दलितों और पिछड़ों के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उत्थान के लिए जीवनभर संघर्ष किया। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के विचारों से प्रेरित होकर कांशीराम ने 14 अप्रैल 1984 को बहुजन समाज पार्टी की स्थापना की।
कांशीराम के आंदोलन ने दलित समाज को राजनीतिक चेतना दी और उन्हें ‘सत्ता की मास्टर चाबी’ की ताकत समझाई। कांशीराम ने मायावती को राजनीति में आगे बढ़ाया और उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। मायावती ने कांशीराम के विचारों और आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए कई बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली।
कांशीराम की जयंती के मौके पर बसपा कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखा गया। पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कांशीराम को नमन करते हुए उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित कर कांशीराम के योगदान को याद किया गया और उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने की अपील की गई।
मायावती ने कहा कि कांशीराम का सपना था कि बहुजन समाज को उसके अधिकार दिलाने के लिए सत्ता की मास्टर चाबी उनके हाथ में हो, और बसपा इसी दिशा में कार्य कर रही है।