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अमेरिकी हवाई हमले से यमन में 13 की मौत, हूती ठिकानों को बनाया निशाना

सना। अमेरिका ने यमन की राजधानी सना और उत्तरी प्रांत सादा में कई हूती ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसमें कम से कम 13 लोग मारे गए और नौ अन्य घायल हो गए। हूती द्वारा संचालित अल-मसीरा टीवी ने स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से कहा कि यह प्रारंभिक संख्या है और मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।

शनिवार रात को उत्तरी सना के अल-जर्राफ आवासीय क्षेत्र में चार हवाई हमले और पूर्वी सना के शोआब आवासीय क्षेत्र में कई अन्य हवाई हमले किए गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, नए हमले प्रांत के मुख्य शहर सादा के उत्तरी हिस्से में हुए, जो हूती समूह का मुख्य गढ़ माना जाता है।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि सना में हुए हमलों में हूती-नियंत्रित राज्य टेलीविजन स्टेशन के पास अल-जर्राफ इलाके में गोला-बारूद और रॉकेट डिपो को निशाना बनाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने इलाके से सफेद धुएं का गुबार उठते देखा और बताया कि हवाई हमलों के बाद कई बड़े विस्फोट हुए।

हूती अधिकारी ओसामा सारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि अल-जर्राफ क्षेत्र में हुए हमलों से एयरपोर्ट रोड के पास स्थित विशेष आधुनिक विश्वविद्यालय (स्पेशलाइज्ड मॉडर्न यूनिवर्सिटी) को भी नुकसान पहुंचा है। एक अन्य हूती सूत्र ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि हवाई हमलों में प्रमुख हूती नेताओं के दो घरों को भी निशाना बनाया गया।

यह अमेरिकी सेना द्वारा हूती ठिकानों के खिलाफ की गई पहली सैन्य कार्रवाई है, जब से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी में सत्ता संभाली और इस समूह को “विदेशी आतंकवादी संगठन” के रूप में फिर से नामित किया। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट किया, “आतंकवादियों के ठिकानों, नेताओं और मिसाइल सुरक्षा पर हवाई हमले अमेरिकी शिपिंग, वायु और नौसैनिक संपत्तियों की रक्षा करने और नौवहन स्वतंत्रता को बहाल करने के लिए किए गए हैं।”

अमेरिकी हवाई हमलों के बाद, हूती समूह ने प्रतिशोधी हमले करने की धमकी दी है। हूती के राजनीतिक कार्यालय ने अल-मसीरा टीवी द्वारा प्रसारित एक बयान में कहा कि इस आक्रमण का उचित जवाब दिया जाएगा।

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